Monday, November 28, 2011

विचारों का मायाजाल



हम सबकी अपनी राय व भिन्न विचार होते है | दुनिया में ऐसी कोई भी चीज़ नहीं जिसके बारे में हमारी कुछ राय न हों | फिर चाहे हमें उसके बारे में कुछ पता हो या नहीं, लेकिन उस विषय पर हमारी खुद की ख़ास राय  अवश्य तैयार रहती है |

चौंकिए मत यह सत्य है | चलिए में कुछ विषय चुनती हूँ और आप देखिये कैसे तुरंत आपके मष्तिष्क में विचारों की गाडी दौड़ेगी ........... जलवायु, कानून, नीतियां, सरकार, समाज, शिक्षा, स्वास्थ्य, अपराध, शिष्टाचार, धर्म, जाति.... देखा हर चीज़ के बारे में आपके पास कुछ न कुछ कहने को ज़रूर होगा | 
  
हमारी अपनी राय, विचार व अभिव्यक्तियाँ हमारे जीवन में कितना महत्व रखती है, इसका अंदाजा तो इसी बात से लगाया जा सकता है की हमारे संविधान में हमें "अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता" मौलिक अधिकार की तरह प्राप्त है |न्याय-पालिका, जो की हमारी सरकार का तीसरा स्तम्भ है, सिवाय कानून की व्याख्या ( वकीलों व न्यायाधीशों की राय) ही तो है | 

तात्पर्य यह है के हम सभी लोग भिन्न विचारों व मतों के एकाधिक बादलों अर्थात विचारों के मायाजाल में घिरे हुए हैं | ये हमारे चारों तरफ है, और में यह सोचने पर मजबूर हूँ कि किस प्रकार ये "विचार", "राय ", "सुझाव" व भिन्न "मत" हमारे मन-मष्तिष्क को प्रभावित करते है, और तो और किस हद तक हमारे कार्यों व गतिविधियों को बदलने की ताकत करते है | 
एक और बात यहाँ सामने लाना चाहूंगी की किस तरह कभी कभी हम दूसरों के विचारों व सुझावों के प्रभाव में आकर अपनी एक प्रकार की पक्षपाती राय बना लेते है, और 
किस प्रकार बिना सोचे- समझे दूसरों पर अपनी राय थोपने का भी प्रयास करते है |

क्या  "राय", "विचार" जैसी चीज़ें 
महत्व रखती है ??
बिलकुल रखती है | 
तभी तो, कभी-कभी 
न चाहते हुए भी 
सुननी व सहनी पड़ती है |

ध्यान रहे 
ये है बड़ी ज़रूरी | 
लाये जीवन में नयापन व खुशहाली | 
जैसे होती  किसी बीमार के लिए
उसकी दवाई व गोली |

सम्पादकीय, पत्रिकाएँ
पुस्तकें व पत्रकार |
ये है चहुँ और, 
हर एक से है इसका सरोकार |
कोई नहीं सकता इसे नकार |

कुछ होती है हमारे समझ के परे
पर "होशियार" हम जो ठहरे |
मारे आदत के,
ये कभी नहीं मान सकते हम  |
की हमें नहीं आता ये,
ज्ञान हमें थोडा सा कम |

1 नंबर के विचारक है हम,
नहीं है किसी मशीन से कम |
बनाते है, संसाधित करते है,
भिन्न विचारों व सुझावों को |
करते है हम रोज़, करते रहेंगे हर दम | 

तो आप बताएं कैसी लगी आपको मेरी  " राय " और यह विचारों का मायाजाल  | 
आप  क्या सोचते है कि, किस प्रकार आपका जीवन इन भिन्न सुझावों व विचारों से प्रभावित होता है !!


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Monday, November 21, 2011

आओ खेलें राजनीति

राजनीति ....आप सोच रहे होंगें या तो मैं पागल हो चुकी हूँ या इन दिनों पढ़ाई ज्यादा कर रही हूँ जिसके कारण मेरे मन में राजनीति खेलने जैसे मूर्खता भरे विचार उठ रहे हैं | विश्वास कीजिये ये सब में सोच समझ कर लिख रही हूँ | सच तो यह है की हम सब राजनीति करते हैं और हम में से कुछ तो उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ बनने की क्षमता रखते है | चलिए इसके पहले कि आप पोस्ट पढना बंद कर दें राजनीति की कुछ बात हो जाय|

क्या है राजनीति?

एक अवधारणा के रूप में राजनीति के कई रूप और अर्थ हैं ..लोगों के अपने अपने विचार हैं कि राजनीति आखिर है किस शगल का नाम ? कुछ तो बस यही मान लेते हैं रो राजनीतिज्ञ करते धरते हैं वही राजनीति है |

महात्मा गाँधी ने कहा है की कोई भी इंसान राजनीति से नहीं बच सकता | यह एक सांप की जकड की तरह है जिससे हम बच नहीं सकते सिर्फ लड़ सकते है |
 न जाने क्यों लोग राजनीति को हमेशा गलत नज़र से देखते है | 
अक्सर आपने लोगों को कहते हुए सुना होगा - " भैया हम नहीं करते राजनीति, हम तो दूर ही अच्छे"  लेकिन सच तो यह है की रोज़ मर्रा की ज़िन्दगी में आम इन्सान से ज्यादा राजनीति कोई और नहीं करता, तो फिर इस बात को मानने में दिक्कत व शर्म  कैसी ? चलो खेलें राजनीति |

क्या हम अभ्यस्त नहीं
तोड़ने मरोड़ने के 
अपनी आईडिया और विचारों
को  फ़ैलाने व थोपने के  ? ....
क्या हम जुड़ना नहीं चाहते
केवल खुद के आनंद से ,
बडप्पन और दूसरों पर प्रभुता जमाने
की नीयत से ?

रहते हैं हम खोये अपने ही निजी स्वार्थों में
लगती हैं अच्छी अपने ही मतलब की बातें
हमारे खुद के अपने अजेंडा हैं ,
अपने टेम्पलेट और फार्मूले |

क्या गोलबंदी कर , हम संघ 
व दुरभि संधियाँ नहीं बनाते ?
अपने गुटों में बटें, गहरे डूबे
संवेदनाओं से शून्य जड़वत
अपने ही मायाजाल में
उलझे नहीं रहते |
बिलकुल राजनितिक दलों की तरह
हम भी कूटनीति नहीं करते ??

तो चलिए खेलें हम राजनीति का खेल
वैसा ही तो जैस पहले से खेलते आये हैं |
कैसे कर सकते हैं भला इससे इनकार
क्योकि यही तो सच है !
अब मान भी जाओ यार !!!

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Thursday, November 10, 2011

Pretty Little Things

Didn't feel like writing it in Hindi. Please enjoy reading in English this time !!
Pretty Little Things 

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